रोहतक, 23 जनवरी। देश की आजादी के महानायक सुभाष चन्द्र बोस को शत-शत नमन करते हुए प्रत्येक भारतवासी को आवश्यकता है कि उनके देश को अर्पित किये गये बलिदान को समझने की। यह तभी संभव हो पायेगा जब आजाद भारत का सम्पूर्ण तंत्र, शासन, प्रशासन, अधिकारी, कर्मचारी, सभी सामाजिक संस्थाएं उनके देश के प्रति त्याग, समर्पण, ईमानदारी को अनुशासन में प्रतिबद्ध होकर देश व प्रदेश के प्रति अपनी जिम्मेवारियों का निष्ठापूर्वक पालन करें। उपरोक्त विचार हरियाणा कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय नेताओं वीरेन्द्र सिंह धनखड़, दिलबाग अहलावत, जोगेन्द्र बल्हारा, सुरेन्द्र मकड़ौली, बिजेन्द्र गुलिया, दीपक बल्हारा ने आज स्थानीय सुभाष चौंक पर नेताजी के जन्मदिवस पर उनकी प्रतिमा पर माल्र्यापण करने के उपरांत यूनियन पदाधिकारियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहे। इस अवसर पर यूनियन के अन्य प्रमुख पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।
कर्मचारी नेताओं ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि नेताजी ने जिस भारतवर्ष का स्वपन देखा था वो आज तक पूरा नहीं हो पाया। सात दशक पूरे होते-होते लोकतन्त्र को राजनीतिक व्यवस्था ने सिकोड़ दिया। उन्होंने आज के शुभ अवसर पर राजनैतिक व्यवस्था के साथ-साथ समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार को पूर्ण रूप से समाप्त करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह तभी सम्भव हो सकता है जब ऊंचे पदों पर बैठे लोग जिनमें शासन, अधिकारी, कर्मचारी सभी अपने-अपने कत्र्तव्य पालन करते वक्त नेताजी के महान तप, त्याग तथा देश के प्रति समर्पण भावनाओं को अपने अंदर संजोयें।
आजादी के महानायक नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को श्रद्धा-सुमन अर्पित