रोहतक, 20 जनवरी। नववर्ष के आगमन के साथ-साथ हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा रोहतक मंडल के पांचों जिलों रोहतक, सोनीपत, भिवानी, झज्जर और दादरी के बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावकों व आम जनमानस के लिए आज के आधुनिक तकनीकी दौर में बढ़ रही मानसिक चिंता तनाव व दबाव के कारण किसी भी तरह कोई भी बच्चा मनोवैज्ञानिक व्याधि से ग्रस्त होकर किसी अप्रिय घटना को अंजाम ना दें इसी सोच के साथ बच्चों की बात टेलीफोन के साथ परियोजना की शुरुआत की है।
इस परियोजना के सूत्रधार रोहतक मंडल के मंडलीय बाल कल्याण अधिकारी अनिल मलिक ने आज उपायुक्त रोहतक आर एस वर्मा से बच्चों की बात फोन के साथ परियोजना के बारे में विस्तृत चर्चा की तथा रोहतक जिले में शुरुआत के लिए उपायुक्त आर एस वर्मा ने स्वयं टेलीफोन पर बात करके बधाई स्वीकार करते हुए मंडलीय बाल कल्याण अधिकारी अनिल मलिक तथा उनके साथ जिला बाल कल्याण अधिकारी सुरेखा हुड्डा को महत्वपूर्ण सकारात्मक, क्रियान्वयन परियोजना की शुरुआत करने हेतु बहुत-बहुत बधाई दी।
मंडलीय बाल कल्याण अधिकारी अनिल मलिक ने बताया कि हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद के मानद सचिव कृष्ण ढुल से हुई चर्चा के दौरान समस्त राज्य के बच्चों हेतु ऐसी कार योजना जो अकस्मात परिस्थिति के दौरान घर बैठे या जहां भी उसके पास फोन उपलब्ध हो वह मदद मनोवैज्ञानिक परामर्श हासिल कर सके। अनिल मलिक द्वारा पांचों जिलों के बाल कल्याण अधिकारियों से चर्चा उपरांत यह निर्णय किया कि शुरुआती रूप से रोहतक मंडल के बच्चों के लिए यह कार्य योजना तुरंत प्रभाव से लागू की जाएगी। उन्होंने आज यह उद्घोषणा की कि रोहतक मंडल के पांचों जिलों के बच्चे दूसरे व चौथे बुधवार के दिन दोपहर बाद 3 से 4 के बीच में 8278228020 टेलीफोन नंबर पर अगर किसी भी समस्या के निदान हेतु बातचीत करेंगे तो स्वयं मंडल यह बाल कल्याण अधिकारी अनिल मलिक द्वारा फोन पर बात की जाएगी। बातचीत के उपरांत समस्या के ऊपर निर्भर करेगा कि तुरंत उन्हें कितना फायदा टेलीफोन के माध्यम से पहुंचाया जा सकता है। क्योंकि मनोवैज्ञानिक परामर्श निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। शुरुआती दौर में सिर्फ एक इंसान अपने मन की बात कहना चाहे और उस संबंधित समस्या जो उसके मन में पैदा हुई है उसका निदान चाहे तो वह जब भी इस फोन पर बात करेगा तो निश्चित तौर पर उसे लाभ पहुंचेगा। अगर आवश्यक रहा तो मंडल कार्यालय में स्वयं अनिल मलिक उन संबंधित बच्चों को एक निरंतर मनोवैज्ञानिक परामर्श की बैठक हेतु जितनी आवश्यकता होगी उन्हें बुलाएंगे तथा आने वाले समय में बाल भवन रोहतक स्थित मंडलीय बाल कल्याण अधिकारी कार्यालय में जिले के संबंधित जितने भी बातचीत टेलीफोन पर बातचीत के बाद मनोवैज्ञानिक परामर्श हेतु मामले आएंगे उनका निदान करने हेतु जिला स्तरीय मनोवैज्ञानिक परामर्श केंद्र की स्थापना भी की जाएगी। इस तरह के मनोवैज्ञानिक परामर्श केंद्र रोहतक उपमंडल के पांचों जिलों में शुरू किए जाएंगे।
‘बच्चों की बात, टेलीफोन के साथ’ परियोजना का शुभारम्भ