भ्रष्टाचार के खिलाफ गृहमंत्री अनिल विज का पहला प्रहार

भ्रष्टाचार के खिलाफ गृहमंत्री अनिल विज का पहला प्रहार





छोटू राम पोलिटेक्निक के 48 लाख के ईपीएफ घोटाले में संदिग्ध प्रिंसीपल सुशील बालयान को तुरन्त हटाने के आदेश


रोहतक, 17 जनवरी। जाट शिक्षण संस्थाओं के आजीवन सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल एडवोकेट चंचल नांदल के नेतृत्व में 48 लाख रूपये के ईपीएफ घोटाले में संदिग्ध वर्तमान प्रिंसीपल सुशील बालयान को पद से हटाने के लिए गृहमंत्री व तकनीकी शिक्षा मंत्री अनिल विज को शिकायत दी। उस शिकायत पर कड़ा प्रहार करते हुए एक सप्ताह के अंदर प्रिंसीपल सुशील बालयान को पद से हटाने के आदेश दिये ताकि निष्पक्ष व भेदभाव रहित जांच हो सके और दोषियों को कड़ी सजा मिल सके।
आज जाट शिक्षण संस्था के आजीवन सदस्यों ने एक बैठक बुलाकर गृहमंत्री अनिल विज का धन्यवाद किया और उम्मीद जाहिर की कि अब गबनधारी जल्द ही सलाखों के पीछे होंगे। इस अवसर पर आजीवन सदस्य एडवोकेट चंचल नांदल ने कहा कि ईपीएफ घोटाले को लेकर पिछले दो वर्षों से संघर्ष चल रहा है और इसके बावजूद भी गबन में संदिग्ध सुशील बालयान को प्रिंसिपल बना दिया। उसका भी आजीवन सदस्यों ने विरोध किया लेकिन अब तकनीकी शिक्षा मंत्री व गृह मंत्री अनिल विज से हमें उम्मीद जगी है कि आरोपियों को जल्द से जल्द सलाखों के पीछे पहुंचाने में कामयाब होंगे।
इस अवसर पर राज्य प्रधान अमीर सिंह गिल ने कहा कि सभी कर्मचारियों के खून-पसीने की कमाई का गलत तरीके से गबन किया गया और इतने दिनों के बाद भी ना तो कोई एफआईआर दर्ज हुई और ना ही प्रशासनिक कार्यवाही हुई। हम प्रशासक व एडीसी डॉ. महेन्द्रपाल से अनुरोध करते हैं कि संस्थाओं को भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन दें व उचित कार्यवाही करें।
इस अवसर पर आजीवन सदस्य व समाजसेवी आर.एस. खासा ने कहा कि मंत्री अनिल विज ने बड़ी शालीनता से हमारी बात सुनी और उसी वक्त हमें उम्मीद जग गई थी कि इस भ्रष्टाचार के मामले में अब सख्त कार्यवाही होगी और जो आदेश आये हैं उससे यह साबित भी हो रहा है।
पूर्व अठगामा प्रधान व आजीवन सदस्य रणबीर नांदल ने कहा कि भ्रष्टाचारियों के खिलाफ तुरन्त कार्यवाही की जाये व कर्मचारियों के खून-पसीने की पाई-पाई ब्याज सहित वापिस हो।
आजीवन सदस्य व आर्य समाज के प्रबुद्ध सुखबीर सिंह दहिया, नांदल खाप प्रवक्ता मा. देवराज नांदल, वकील हिमांशु राठी, विरेन्द्र दलाल, अशोक नांदल आदि आजीवन सदस्य बैठक में मुख्य रूप से मौजूद रहे।