अपनी विरासत को महत्व दें छात्र : मीनाक्षी अहलावत
रोहतक, 23 जनवरी। 23 जनवरी भारतीय इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है। इस दिन 1897 में हमारे महान राष्ट्रवादी क्रांतिकारी नेता सुभाष चंद्र बोस का जन्म हुआ था। उन्होंने देश की आजादी के लिए अथक परिश्रम किया। हमें अपने बच्चों को सिखाना चाहिये कि वे अपनी विरासत को महत्व दें और ऐसी हस्तियों को श्रद्धा से प्रणाम करें। यह बात आज सोनीपत रोड़ स्थित द स्टॉर ग्लोबल स्कूल में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मोत्सव पर आयोजित विशेष कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्राचार्या मीनाक्षी अहलावत ने कही।
इस अवसर पर स्कूल चेयरमैन अजय अहलावत ने कहा कि आजादी के दिवाने सुभाष चन्द्र बोस ने आईसीएस जैसी प्रतिष्ठित पद पर चयनित होने के बाद भी उसे ठोकर मारकर इंग्लैंड से अपने देश में कांग्रेस पार्टी द्वारा चलाये जा रहे जंग-ए-आजादी की लड़ाई में आ कूदे और ताउम्र अंग्रेजी सरकार से लोहा लिया, यातनायें सही और ग्यारह बार जेल गये। ऐसे वीर नेता सुभाष चन्द्र बोस और उनके साथियों के संघर्ष और कुर्बानियां ही हैं जो आज हम आजाद भारत में सांस ले रहे हैं। इस अवसर पर स्कूल
कार्यक्रम में कक्षा दो की छात्रा निक्किशा ने सभा का संचालन किया। कक्षा पांच के छात्रों ने भाषण प्रस्तुत किए और नेताजी के बारे में बताया। वहीं छोटे-छोटे बच्चों ने देशभक्ति के गीत गाये और प्रेरक कविताओं का पाठ किया। इस अवसर पर मेघा, गिन्नी रंगा, मिनाक्षी सांगवान आदि अध्यापकों सहित स्कूल स्टाफ व अभिभावक मौजूद रहा।
द स्टार ग्लोबल स्कूल ने मनाया नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्मदिवस